Dr. Kurela Vitthalacharya ने 84 साल की उम्र बनाई एक लाइब्रेरी !

डॉ. कुरेला विट्ठलाचार्य को किताबों से बहुत प्यार है। उन्हें किताबें इतनी पसंद है कि 84 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पूरी कमाई नालगोंडा के येल्लंकी में एक लाइब्रेरी बनाने में लगा दी।⁠

जिस साल उनका जन्म हुआ था, उसी साल उनके पिता का निधन हो गया, गरीबी में पले-बढ़े विट्ठलाचार्य का पालन-पोषण उनकी माँ ने किया। उनकी माँ ने उन्हें बहुत संघर्ष से बड़ा किया।

काफी समय तक छोटी-मोटी नौकरियां करने के बाद, उन्हें उनकी मंज़िल मिल गई और वह एक सरकारी डिग्री कॉलेज में लेक्चरर बन गए। 1993 में उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया, अपने रिटायरमेंट से पहले तक उन्होंने 22 पुस्तकें लिखीं।⁠

आखिरकार 2014 में, उन्होंने अपने घर में खुद की एक लाइब्रेरी खोली, उस लाइब्रेरी में उन्होंने 5000 पुस्तकें रखी थी, उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया कि वह अपनी किताबें डोनेट कर सकते हैं।

उनकी इस पहल से बड़े-बड़े लेखक और कवि भी बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने अपनी सभी पुस्तकें विट्ठलाचार्य को दान करनी शुरू कर दीं।

आज उनकी लाइब्रेरी में करीब दो लाख किताबें हैं।

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