हिन्दू धर्म में घर में धूप और दीप देने का प्राचीनकाल से ही प्रचलन रहा है।
धूप सोलह प्रकार के धूप माने गए हैं जिसमें अगर, तगर, कुष्ठ, शैलज, शर्करा, नागरमाथा, चंदन, इलाइची आदि है।
इनकी धूनी देने से आकस्मिक दुर्घटना नहीं होती है और घर में शांति का महौल बना रहता है।
धूप को लकड़ी पर या कंडे पर रखकर जलाया जाता है।
धूप देने से मन, शरीर और घर में शांति की स्थापना होती है।
ग्रह-नक्षत्रों से होने वाले छिटपुट बुरे असर भी धूप देने से दूर हो जाते हैं।