महाभारत काल से लगा महिलाओं पर श्राप

महाभारत में कर्ण की वीरता की गाथा अलग से वर्णित है।

कुंती पुत्र कर्ण की सच्चाई पांडवों से छिपाकर रखी गयी थी।

कुंती ने अपनी तपस्या से ऋषि दुर्वासा को प्रसन्न किया,इससे प्रसन्न होकर कुंती को एक मंत्र वरदान दिया।

जिसका प्रयोग कर कुंती ने भूलवश सूर्य देवता का आवाहन कर कवच-कुंडल धारी सूर्य पुत्र कर्ण वरदान स्वरूप मिल। 

कर्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान युधिष्ठिर को कर्ण का सच पता लगने पर वो क्रोधित हो गये।

क्रोधित युधिष्ठिर ने समस्य नारी जाती को ही श्राप दिया कि कोई नारी चाहकर भी अपने ह्रदय में कोई बात छिपाकर नहीं रख पाएगी। 

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