60-80 के दशक में हिंदी सिनेमा में शर्मिला टैगोर ने अपने अभिनय एक अलग पहचान बनाई है।
Golden Era की खूबसूरत अदाकारा शर्मिला टैगोर का नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के साथ एक बहुत ही प्यारा रिश्ता है।
शर्मिला टैगोर ने 1959 में सत्यजीत रे की फिल्म ‘अपुर संसार’ से अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत की। इनके पिता गितेन्द्रनाथ टैगोर ‘टैगोर एल्गिन मिल्स’ के ब्रिटिश इंडिया कंपनी के महाप्रबंधक थे।
उनकी मां असम की रहने वाली थीं। शर्मिला की नानी रवींद्रनाथ टैगोर के भाई द्विजेंद्रनाथ टैगोर की नातिन थीं।शर्मिला टैगोर का जो हुनर है, वह उनके खून में पहले से ही था।
60-70 के दशक में शर्मिला टैगोर ने एक के बाद एक कई फ़िल्मों में ज़बरदस्त अभिनय किया।
इनके बेहतरीन अभिनय के लिए दो बार राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और दो बार फ़िल्म फे़यर अवॉर्ड से नवाज़ा जा चुका है।