कई लोग सूर्य देव को नियमित रूप से जल चढ़ाते हैं।
ऐसा करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और जीवन में सुख-सुविधाएं आती हैं।
सूर्य देव को हमेशा तांबे के बर्तन में ही अर्घ्य देना चाहिए।
सूर्योदय होने के एक घंटे के अंदर ही सूर्य को जल चढ़ाना फलदाई माना जाता है।
सूर्य को अर्घ्य देने के बाद तीन बार परिक्रमा करें फिर धरती माता के पैर छूएं।
जल में लाल फूल या लाल चंदन डालकर सूर्य को जल अर्पित करें।