निर्जला एकादशी को क्यों भीमसेनी एकादशी कहते हैं!

निर्जला एकादशी साल की सभी 24 एकादशियों में से सबसे महत्‍वपूर्ण मानी जाती है।

निर्जला एकादशी ज्‍येष्‍ठ मास के शुक्‍ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं, इस साल यह 31 मई को है।

निर्जला एकादशी का व्रत भीम ने भी रखा था। इसलिए इसे भीम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के लिए चरणामृत और पंजीरी का भोग तैयार कर उसमें तुलसी के पत्ते जरूर डालें।

भगवान विष्णु के लिए तुलसी के पत्ते मिलाना बहुत ही लाभकारी माना जाता है।

इस उपाय को करने से व्यक्ति को धन संबंधी कोई कमी नहीं रहती है। 

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