60-80 के दशक में हिंदी सिनेमा में अपने दमदार अभिनय से अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली शर्मिला टैगोर को तो आप अच्छे से जानते होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं, Golden Era की खूबसूरत अदाकारा शर्मिला टैगोर का नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के साथ एक बहुत ही प्यारा रिश्ता है।
अब आप सोच रहे होंगे.. अरे भाई कैसे ? दोनों के नाम में टैगोर आता है इसलिए ?
ये भी पढ़े माँ का हाथ बटाने के लिए किया 12 साल किया बेकरी में काम, फिर 42 साल की उम्र में जाकर शुरु किया फिल्मी दुनिया…
अरे बिल्कुल नहीं.. हम बताते हैं आपको कैसे..
1959 में सत्यजीत रे की फिल्म ‘अपुर संसार’ से अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत करने वाली शर्मिला टैगोर के पिता गितेन्द्रनाथ टैगोर ‘टैगोर एल्गिन मिल्स’ के ब्रिटिश इंडिया कंपनी के महाप्रबंधक थे। उनकी मां असम की रहने वाली थीं। शर्मिला की नानी रवींद्रनाथ टैगोर के भाई द्विजेंद्रनाथ टैगोर की नातिन थीं।
अब यह कहना तो बिल्कुल गलत नहीं होगा, कि शर्मिला टैगोर का जो हुनर है, वह उनके खून में पहले से ही था। 60-70 के दशक में एक के बाद एक कई फ़िल्मों में ज़बरदस्त अभिनय देने वाली शर्मिला टैगोर को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए दो बार राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और दो बार फ़िल्म फे़यर अवॉर्ड से नवाज़ा जा चुका है।